कोरोना महामारी से बचने के लिये हम सभी को सोशल डिस्टेंसींग का पालन कर रहे है ।

Aug 24, 2020 post

कोरोना महामारी से बचने के लिये हम सभी को सोशल डिस्टेंसींग का पालन कर रहे है । लेकिन इसका एक भयंकर विपरीत असर छोटे छोटे बच्चो पर हो रहा है । बच्चे घर से बाहर नही निकल पा रहे है तो उनका दूसरो बच्चो से मिलना , दौड , भाग , खेलना , कुदना नही हो रहा है तो इससे उनका वास्तविक विकास ( real growth ) नही हो रहा है । अब हर ऐक्टिविटी और क्लासेस ऑनलाइन होने के कारण उनके शरीर पर , आंखो पर , कानो पर बहुत ज्यादा दबाव बन रहा है । क्लासेस खत्म होने पर बच्चे रिफ्रेशमेन्ट के लिये टीवी देखते है तो फिर से उनके आंखो पर जोर पड़ता है । भविष्यम के संस्थापक आशीष पाटनी का कहना है की जो ज्ञानी चक्र , योग और आध्यात्म को समझते है वो जानते है की मोबाइल , कंप्यूटर, लैपटॉप की विकिरणे बच्चो के आज्ञा चक्र ( भ्रूमध्य ) को सुप्त कर देगी जिससे बच्चा बौद्धिक रूप से संपन्न, संवेदनशील और तेज दिमाग का होने के बजाय धीरे धीरे शिथिल , अनाज्ञाकारी , बैचैन , मानसिक रूप से कमजोर, अस्थिर हो जायेगा और भ्रूमध्य चक्र सुप्त होने से सपनो की दुनिया मे ही रहने लगेगा और जीवन की वास्तविक समस्याओ से कभी नही लड़ पायेगा । फिर सोचिये बच्चे का क्या होगा ? उसके माता पिता का, परिवार का क्या होगा ? हम बच्चो को उज्ज्वल भविष्य दे रहे है या हम उनको नकली रोशनी का अन्धकार दे रहे है ?
पैरेंट्स जो भी करे , सोच समझ के करे । ये सच है की अब समय ऑनलाइन ऐक्टिविटी और क्लासेस का है । लेकिन जितना हो सके , उतना बचाना है हमे अपने बच्चो को मोबाइल , कंप्यूटर की नकारात्मक विकिरणो से । सबसे जरूरी है बच्चो मे योग , मंत्र , धर्मपाठ करने की आदत डालना ताकी बच्चो की अन्तर शक्ति , मानसिक शक्ति मज़बूत हो और बच्चो का आज्ञा चक्र ( भ्रूमध्य ) सुप्त ना हो ।
आशीष पाटनी
संस्थापक
भविष्यम्

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