मित्रो ,
भविष्यम की ओर से मै आशीष पाटनी अपना एक विचार, अनुभव और ज्ञान आपसे शेयर करना चाहता हू ।
भले अभी हमारे शरीर मे कोरोना वायरस नही घुसा हो लेकिन इसका डर हमारे मन और मस्तिष्क मे भयंकर रूप से घुस चुका है । खुद की सुरक्षा, परिवार और बच्चो की सुरक्षा की चिंता हमे अंदर से खाए जा रही है और हम खुश रहना भूलते जा रहे है , अंतर्मन से कमजोर होते जा रहे है । इसलिये कोरोना ही नही और भी बहुत सी बीमारी जो शायद हमे नही भी हो , वो भी हमे हो जायेगी । मित्रो हो सकता है कल ये बीमारी मुझे हो जाये,आपको हो जाये लेकिन उसके लिये आज से डरना और मरना क्यूं ? हर शरीर का अपना एक आंतरिक सुरक्षा तन्त्र होता है जो किसी भी वायरस से लड़ने मे सक्षम होता है और यह सुरक्षा तन्त्र मन की शक्ति से संचालित होता है । इसलिये भविष्यम का सभी से अनुरोध है सिर्फ शरीर पे ध्यान मत दो अपने मन की शक्तियो पर , अपनी इच्छा शक्ति पर भी ध्यान दो । जो होना होगा , होगा ,देखा जायेगा पहले खुद को इस अदृश्य डर और अज्ञात असुरक्षा के साये से बाहर निकाले
मन की शक्ति को मजबूत करने के लिये भविष्यम आपको कुछ अंतर्मन शक्ति वर्धक 9 टिप्स बता रहा है :
1 – दिन मे थोड़ी देर ध्यान meditation करे !
2 – धर्म और आध्यात्म मे कुछ समय दे !
3 – अपने धर्म , गुरू प्रदत्त मंत्रो का जाप करे !
4 – योगा के आसान से आसन करे !
5 – बच्चो की तरह कुछ खेल खेले !
6 – नाभि मे नारियल या बादाम का तेल लगा कर सोये !
7 – जब भी मन मे कुछ बुरे ख्याल आए तुरंत अपने शरीर मे चिमटी भरे , ये आपके खुद के लिये punishment है !
8 – नहाने के पश्चात तीन बार जोर से ताली बजाये !
9 – अपने बाल , गाल , कान , भौह , आंख , मुहफाड , उंगली , मस्तक को खीच कर ( strech ) सुप्त बिन्दुओ को जागृत करे ।
मित्रो , हम सभी मानव योनी मे पैदा हुए है जहा हम अपनी योग्यता और ज्ञान से घटनाओ की तासीर बदल सकते है । जब तुम अदृश्य वायरस से डर सकते है तो क्या अदृश्य भगवान पर भरोसा नही कर सकते हो ।
एक बात और सब तरफ भय का व्यापार चल रहा है जहा आप एक commodity बन गये हो । आप ही को बेचा और खरीदा जा रहा है । हक़ीक़त क्या है और क्या बताया जा रहा है । इस व्यापार मे मीडिया , हॉस्पिटल , लैब , डॉक्टर सबका इसमे बहुत बड़ा रोल है । कोरोना बीमारी से ज्यादा अब व्यापार बन गयी है । इस गंदे व्यापार की कठपुतली मत बनिये अपने मन को मज़बूत कीजिये । मेरे गुरुदेव विशुद्ध सागर जी महाराज की एक सीख मै हमेशा सबको कहता हू *
।। जो है … सो है ।।
तो आईये भविष्यम के साथ कहिये
लड़ना है..जीतना है..जीत के दिखाना है
मन को मज़बूत कर, इस डर को भगाना है
फिर से कहिये और कहते रहिये
लड़ना है..जीतना है..जीत के दिखाना है
मन को मज़बूत कर, इस डर को भगाना है